रायपुर. भगवा कपड़े…सिर पर कलश और 400 किलोमीटर की यात्रा…पैदल उत्तराखंड के गंगोत्री से बागेश्वर धाम तक का सफर। जी हां हम बात कर रहे हैं शिवरंजनी तिवारी की, जो गंगोत्री से गंगाजल लेकर बागेश्वर धाम के लिए निकल चुकी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाली शिवरंजनी इतना लंबा रास्ता पैदल क्यों तय कर रही है? मीडिया की मानें तो शिवरंजनी बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री के साथ शादी करना चाहती है और इसी बात को लेकर वो ये तप कर रही है।
बताया जाता है कि शिवरंजनी मध्यप्रदेश के सिवनी जिले की रहने वाली है। शिवरंजनी के पिता इंजीनियर हैं और माता एक डॉक्टर है। बताया जाता है कि शिवरंजनी का बचपन से ही आध्यात्म में बेहद गहरी रुचि थी। शिवरंजनी महज 4 साल की उम्र से भजन गायन करती है। लेकिन क्या आपको पता है कि शिवरंजनी का छत्तीसगढ़ से भी गहरा नाता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि शिवरंजनी का
छत्तीसगढ़ से क्या कनेक्शन है?
दरअसल शिवरंजनी तिवारी को भक्ति के साथ-साथ संगीत का बेहद शौक है और इसी शौक के चलते उन्होंने छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला विश्विद्यालय से संगीत की शिक्षा ली। यहां शिवरंजनी ने 8 साल तक संगीत की शिक्षा ली है। इसके बाद शिवरंजनी भजन गायन के क्षेत्र में बड़े नामों में से एक हो गई।