नई दिल्ली. मॉनसून सीज़न में कई तरह की बीमारियों और इन्फेक्शन के होने की संभावना बढ़ जाती है। वातावरण में उमस और नमी बढ़ने की वजह से हानिकारक बैक्टीरिया और जर्म्स आसानी और तेजी से पनपते हैं, जो इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाने का काम करते हैं। इनसे पाचन संबंधी कई समस्याओं जैसे गैस्ट्राइटिस, अपच, डायरिया और पेट फूलना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
पेट के इन्फेक्शन और डायरिया में अंतर
पेट में इन्फेक्शन
पेट का इन्फेक्शन होने पर पेट में तेज दर्द, लूज मोशन और भूख न लगने जैसी प्रॉब्लम हो सकती है। इन्फेक्शन है या नहीं ये पता ब्लड टेस्ट यानी सीबीसी की जांच के जरिए चलता है। लेकिन इसे लेकर बहुत ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं, क्योंकि पेट का इन्फेक्शन कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस की प्रॉब्लम है, जो वायरल इन्फेक्शन जैसे नोरोवायरस, रोटावायरस और एडेनोवायरस आदि की वजह से होता है।
पेट में इन्फेक्शन के लक्षण
– पेट में तेज दर्द
– पेट और आंतों में सूजन
– दस्त और उल्टी
– लूज मोशन
– डिहाइड्रेशन
– सिरदर्द
डायरिया
डायरिया भी वैसे कॉमन प्रॉब्लम है, जो आंतों को इन्फेक्टेड करने का काम करती है। बारिश में गंदा पानी और दूषित भोजन करने से डायरिया तेजी से फैलता है। जिसके चलते उल्टी-दस्त की प्रॉब्लम हो सकती है। मानसून सीज़न में बाहर के खाने की क्वालिटी पर ध्यान देना जरूरी है। डायरिया की प्रॉब्लम हर उम्र के लोगों को लोगों को परेशान कर सकती हैं और इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं।
डायरिया के लक्षण
– लगातार लूज मोशन
– पेट दर्द
– पेट में ऐंठन
– जी मचलाना और उल्टी
– भूख कम लगना
– बुखार
– लगातार प्यास लगना
– डिहाइड्रेशन
हां, पेट में इन्फेक्शन की समस्या ज्यादातर लोगों में खुद ही ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनमें इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं, तो उन्हें एंटी वायरल इलाज की जरूरत होती है। दस्त या डायरिया होने पर मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड्स और इलेक्ट्रोलाइट लेने की सलाह दी जाती है।