जबलपुर। मध्य प्रदेश के दमोह के पथरिया से विधायक रामबाई से जुड़ा एक अनोखा मामला सामने आया। यहां 2015 के एक मामले में कोर्ट ने उन्हें अनोखी सजा सुनाई है। दरअसल, विधायक रामबाई पर आरोप है कि उन्होंने सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया था। इसके चलते अस्पताल और सड़क पर हंगामें की स्थिति बन गई थी। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए रामबाई को अनोखी सजा तो दी ही इसी के साथ जुर्माना भी भरवाया।
कोर्ट ने सुनाई ये सजा
जबलपुर के न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा ने विधायक रामबाई और उनके साथियों को अदालत में बैठे रहने की सजा दी। जब तक अदालत की कार्रवाई चलती रही, रामबाई कार्रवाई सुनती रहीं। इसके अलावा सभी दोषियों पर 1500 रुपए का जुर्माना लगाया गया। अदालत का कहना है कि रामबाई की वजह से न केवल अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल खड़ा हुआ, बल्कि जिस सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया, उससे वहां कुछ देर के लिए अराजकता का माहौल बन गया।
ये है पूरा मामला
मामला 28 मार्च 2015 का है। यहां सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी। तब विधायक रामबाई और उनके समर्थकों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया था। इसके बाद पूरे अस्पताल परिसर में नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। मृतक के शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम किया। प्रदर्शन में भरत श्रीवास्तव, श्रीधर सुमन कैलाश, शीतल अहिरवार, भगवान दास अहिरवार और बिलनी सुरेश समेत एक दर्जन लोग थे। इन सभी को अदालत ने दोषी करार दिया था।