जांजगीर-चाम्पा. ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और सशक्तिकरण तथा महिलाओ को शासन की योजनाओं को जोड़ने की दिशा में काम कर रही छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन मिशन अंतर्गत कार्यरत सामुदायिक क्रेडरों का मानदेय में किये गये बढ़ोतरी सम्मानजनक नहीं है। वहीं अभी तक उन्हें नियुक्ति पत्र और नियमितीकरण नहीं किया जाना उनके साथ अन्याय है।
उक्त बातें देश का पहला किसान स्कूल, वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह के संचालक दीनदयाल यादव ने ब्यक्त किया किया है। उन्होंने करीब सात माह पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ के सभी जिले के ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओ की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने, सभी महिलाओ को बिहान से जोड़कर समूह बनाकर गौठान के गतिविधियों से जोड़ने,
शासकीय योजनाओं को सफल बनाने और महिला सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर काम करने वाले बिहान की सक्रिय महिला समेत एफएलसीआरपी, आरबीके, बैंक सखी, बैंक मित्र, लेखापाल, क़ृषि सखी, बैंक मित्र, पशु सखी, उद्योग सखी और पीआरपी को काम के अनुसार उनके मानदेय राशि को राज्य मद से दोगुना करने, नियुक्ति पत्र देने और नियमितीकरण की मांग को लेकर पत्र लिखा था। ठीक इसी मांग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा गया। मगर अभी सरकार द्वारा बिहान के सामुदायिक क्रेडरों का मानदेय जो बढ़ोतरी किया गया है। वह बिल्कुल ही सम्मानजनक नहीं है। महंगाई के दौर में सक्रिय महिला को प्रतिमाह मिलने वाली मानदेय राशि 1500 रूपये को बढ़ाकर 1910 रूपये किया जाना। महिलाओ के साथ यह कैसा सम्मान है। इससे अच्छा तो मजदूरी का काम करने वाले महिलाओ की स्थिति है।
जो प्रतिमाह कम से कम पांच हजार रूपये कमा लेती हैं। इसी तरह महिला स्व सहायता समूह का ऑडिट करने वाले आरबीके अर्थात रिसोर्स बुक कीपर को 2200 से बढ़ाकर 2790 रूपये, पीआरपी का 13200 रूपये से 16780 रूपये, बैंक मित्र का 2500 रूपये से 3000 रूपये, क़ृषि सखी और पशु सखी का 1500 रूपये से 1910 रूपये तथा उद्योग सखी का 2000 रूपये से बढ़ाकर 2540 रूपये किया गया है। जो छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत कार्यरत सामुदायिक क्रेडरों के साथ अन्याय है।
नहीं बढ़ा एफएलसीआरपी का मानदेय, संघ में भारी नाराजगी।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत सामुदायिक क्रेडरों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एफएलसीआरपी का मानदेय राशि में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं होने से छत्तीसगढ़ राज्य एफएलसीआरपी संघ में सरकार के प्रति भारी नाराजगी देखी जा रहीं है। हालांकि आदेश में संशोधन होने की जानकारी सूत्रों से मिली है। प्रतिमाह एफएलसीआरपी मिलने वाली मानदेय राशि 5000 रूपये को 10000 रूपये किये जाने की मांग किया गया है। अब देखना यह होगा कि बिहान की सयुंक्त क्रेडरों में एफएलसीआरपी की मानदेय राशि में कितना बढ़ोतरी और कब तक होंगी।