चांदी का कड़ा पहन्ना होता है फायदेमंद, इसको पहन्ने से होते है कई फायदे, मां लक्ष्मी का बना रहता है आशीर्वाद

अगर आप भी चांदी का कड़ा हाथ में पहनते हैं तो आज हम आपको इससे होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। अकसर लोगों को हाथों में चांदी का कड़ा पहने हुए देखा जाता है। हालांकि कई लोग अलग-अलग धातु के कड़े भी पहनना पसंद करते हैं लेकिन चांदी का कड़ा सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में भी इसके कई फायदे बताए गए हैं। ज्योतिष शास्त्र में चांदी की धातु का संबंध चंद्रमा और शुक्र ग्रह से माना गया है। इस वजह से इसके काफी सारे लाभ बताए गए हैं।



हाथ में चांदी का कड़ा पहनने के लाभ

अगर आप चांदी का कड़ा पहनना पसंद करते हैं और आप इसके शौकीन है तो एक बार इन लाभ को जान लें। हालांकि सभी के लिए ये अच्छा नहीं होता है क्योंकि सबके गृह अलग अलग होते हैं। इस वह से कई लोगों को इसके धारण करने के बाद परेशानियों का भी सामना करना पड़ता हैं।

मां लक्ष्मी का बना रहता है आशीर्वाद

हाथों में चांदी का कड़ा पहनने से शुक्र और चंद्र ग्रह से जुड़े ग्रह दोष दूर होते हैं। अगर आपकी राशि में यह दोष है तो आप भी चांदी का कड़ा पहनना शुरू कर दे। आपको काफी ज्यादा फायदा देखने को मिलेगा। ऐसा माना जाता है कि चांदी का कड़ा पहनने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। वह सदैव अपने भक्तों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं और उनकी हर इच्छा पूरी करती है। इसलिए भी यह लाभकारी माना गया है।

बढ़ाता है सकारात्मकता

वहीं कहा जाता है कि चांदी शीतलता प्रदान करती है। इसे ठंडी धातु माना जाता है। इसे धारण करने से मन शांत और एकाग्र होता है। अगर आप काफी गुस्सा काफी खतरनाक है तो आप चांदी का कड़ा धारण कर सकते हैं। वहीं ज्योतिष शास्त्र में यह भी बताया गया है कि चांदी को सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने वाली धातु माना जाता है। ऐसे में हाथ में चांदी का कड़ा या ब्रेसलेट पहनने से नकारात्मक विचार दूर होते हैं और सकारात्मकता बढ़ने लगती है।

जाने कब पहने चांदी का कड़ा

कहा जाता है कि चांदी का कड़ा धारण करने के लिए शुक्रवार का धन सबसे ज्यादा लाभकारी माना जाता है। इसलिए आप भी अगर यह पहनना चाहते हैं तो शुक्रवार के दिन पहने इससे आपको फायदा देखने को मिलेगा।

डिस्क्लेमर – (इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। KhabarCGNews इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।

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