ऑक्‍सफैम इंडिया के खिलाफ CBI ने किया केस दर्ज, कानून तोड़कर चंदा लेने के सबूत मिले

नई दिल्‍ली. गैर सरकारी संगठन ऑक्‍सफैम इंडिया और उसके आधिकारिक पदाधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है. यह कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद दर्ज हुई. इसमें कहा गया है कि साल 2019-20 में 12.71 लाख रुपये की ट्रांजेक्शन में फॉरेन कंट्रीब्‍यूशन (रैग्‍यूलेशन ) अमेंडमेंट एक्‍ट 2020 (FCRA) का उल्‍लंघन किया गया था. वहीं, साल 2013-16 के बीच 1.5 करोड़ रुपये के विदेशी लेन-देन में भी अनियमितता बरती गई थी. ऑक्‍सफैम इंडिया लगातार भारत सरकार पर FCRA कानून में बदलाव के लिए विदेशी सरकारों और संगठनों के जरिये दबाव डाल रहा था.



ऑक्‍सफैम ने FCRA लागू होने के बाद भी विदेशों से चंदा लेकर उसे विभिन्‍न संस्‍थाओं को ट्रांसफर किया था, जबकि यह कानून 29 सितंबर 2020 को लागू हो गया था. सूत्रों ने कहा है कि आयकर विभाग के सर्वे में कई ई-मेल मिले जिनसे यह सबूत मिला है कि ऑक्‍सफैम इंडिया चंदा लेकर अन्‍य संगठनों को भेजता था. अधिकारियों ने बुधवार को यहां बताया कि यहां स्थित संस्था के दफ्तर पर छापेमारी भी की गई. शिकायत, जो अब प्राथमिकी का हिस्सा है, में आरोप लगाया गया है कि हालांकि ऑक्सफैम इंडिया का एफसीआरए पंजीकरण समाप्त हो गया, इसके बावजूद उसने अन्य माध्यमों से धन के लेनदेन के लिये कानून का उल्लंघन किया. आरोप के मुताबिक, “ऑक्सफैम इंडिया के पास बहुपक्षीय विदेशी संगठनों से भारत सरकार के साथ अपनी ओर से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करने की पहुंच और प्रभाव है.”

कुछ एनजीओ को दी चंदे की रकम ताकि…

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इसने ऑक्सफैम इंडिया को “विदेशी संगठनों या संस्थाओं की विदेश नीति के एक संभावित साधन” के रूप में उजागर किया है, जिसने इसे वर्षों से उदारतापूर्वक वित्त पोषित किया है. इसने आरोप लगाया कि ऑक्सफैम इंडिया ने अपने विदेशी सहयोगियों जैसे ऑक्सफैम ऑस्ट्रेलिया और ऑक्सफैम ग्रेट ब्रिटेन की निधि को कुछ एनजीओ को दिया और परियोजना पर नियंत्रण किया. शिकायत में आरोप लगाया गया है, “सीबीडीटी द्वारा आईटी सर्वेक्षण के दौरान मिले ईमेल से ऐसा प्रतीत होता है कि ऑक्सफैम इंडिया सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) को अपने सहयोगियों/कर्मचारियों के माध्यम से दलाली के रूप में धन उपलब्ध करा रहा है. यह ऑक्सफैम इंडिया के टीडीएस डेटा से भी परिलक्षित होता है जो वित्तीय वर्ष 2019-20 में सीपीआर को 12.71 लाख रुपये का भुगतान दर्शाता है.”

सीबीआई ने ऑक्‍सफैम इंडिया के दिल्‍ली के आफिस पर मारा छापा

इसमें कहा गया है कि संगठन ने सामाजिक गतिविधियों को करने के लिए एफसीआरए पंजीकरण प्राप्त किया था, लेकिन कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों या कर्मचारियों के माध्यम से सीपीआर को किया गया भुगतान – पेशेवर या तकनीकी सेवाएं – इसके घोषित उद्देश्यों के अनुरूप नहीं है. इसमें आरोप लगाया गया, “यह एफसीआरए 2010 की धारा आठ और 12(4) का उल्लंघन है.” अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को दिल्ली में ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालय में छापेमारी की. इस महीने की शुरुआत में एक बयान में, ऑक्सफैम इंडिया ने कहा कि यह पूरी तरह से भारतीय कानूनों का अनुपालन करता है. ऑक्सफैम इंडिया का एफसीआरए पंजीकरण दिसंबर 2021 में नवीनीकृत नहीं किया गया था. समूह ने अपने एफसीआरए पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.

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