नई दिल्ली. टी20 वर्ल्ड कप 2022 में भारत की शुरुआत अच्छी हुई है. टीम इंडिया ने पाकिस्तान पर रोमांचक जीत दर्ज करने के बाद नीदरलैंड्स को भी 56 रन से हरा दिया. दो जीत के बाद भारत ग्रुप-2 में टॉप पर पहुंच गया है. उसके सेमीफाइनल में पहुंचने की राह आसान हो गई है. अब भारत का अगला इम्तिहान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ है. दोनों टीमों के बीच इस रविवार को पर्थ में टक्कर होगी.
दक्षिण अफ्रीका की टीम अंक तालिका में भारत के बाद दूसरे स्थान पर है. उसने पिछले मैच में बांग्लादेश पर 104 रन से जीत दर्ज की. इस मैच में उसके गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने दोनों का प्रदर्शन शानदार रहा. ऐसे में टीम इंडिया के लिए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुकाबला चुनौतीपूर्ण होगा.
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मुकाबला पर्थ में खेला जाना है. यहां का विकेट तेज गेंदबाजों के सबसे अनुकूल माना जाता है. . पर्थ दुनिया की सबसे तेज पिच मानी जाती है. यहां रफ्तार के साथ तेज गेंदबाजों के लिए अतिरिक्त उछाल होता है, जो बल्लेबाजों को परेशान करता है. यही वजह है कि टीम इंडिया ने टी20 वर्ल्ड कप की अपनी तैयारियों को यहीं अंजाम दिया. भारतीय टीम ने टी20 विश्व कप शुरू होने से पहले एक हफ्ते तक पर्थ में ही डेरा डाला हुआ था और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया प्लेइंग-XI के खिलाफ दो अभ्यास मैच भी खेले. ताकि बल्लेबाज और गेंदबाज ऑस्ट्रेलियाई पिचों की रफ्तार और उछाल से तालमेल बैठा सकें. अब टीम इंडिया की पर्थ में एक हफ्ते की ट्रेनिंग कितनी असरदार रही, यह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रविवार को होने वाले मुकाबले में नजर आ जाएगा.
पर्थ में पेसर ही जीत-हार तय करते हैं
पर्थ में अब तक 5 टी20 ही खेले गए हैं. इसमें से चार तो इसी महीने ही हुए हैं और बताने की जरूरत नहीं कि इन सभी मुकाबलों में तेज गेंदबाजों की भूमिका निर्णायक रही है. यानी पर्थ में पेसर ही जीत-हार तय करते हैं. यहां टी20 में सबसे अधिक विकेट लेने वाले सभी टॉप-5 गेंदबाज पेसर हैं.
वसीम ने जिम्बाब्वे पर बरपाया कहर
इस मैदान पर पिछला मुकाबला पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के बीच हुआ, जो लो स्कोरिंग रहा. इस मैच में कुल 16 विकेट गिरे और इसमें से 9 तो तेज गेंदबाजों ने लिए. पाकिस्तान इस मैच में तीन के बजाए 4 तेज गेंदबाजों के साथ उतरा था और उसका यह दांव काम कर गया. चौथे गेंदबाज के रूप में खेलने वाले मोहम्मद वसीम ने 4 विकेट लिए. उनकी गेंदबाजी की बदौलत ही पाकिस्तान मैच में वापसी कर पाया था.
इस मैच से पहले, पर्थ में ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के अलावा अफगानिस्तान और इंग्लैंड की भी टक्कर हुई थी और इन दोनों मुकाबलों में तेज गेंदबाज बल्लेबाजों पर कहर बनकर टूटे थे. इंग्लैंड के पेसर सैम करेन ने अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में 10 रन देकर 5 विकेट लिए थे. यानी एक बात साफ है कि जिस टीम के पास अच्छे तेज गेंदबाजा होंगे, पर्थ में उसी का बोलबाला होगा.
नॉर्किया भारत की परेशानी बढ़ा सकते हैं
ऐसे में भारत के लिए पर्थ में दक्षिण अफ्रीका का सामना करना आसान नहीं होगा. क्योंकि उसके पास तेज गेंदबाजों की फौज है. खासकर एनरिक नॉर्किया. जो लगातार 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं और बांग्लादेश के खिलाफ पिछले मैच में सिडनी में अपनी रफ्तार का जलवा दिखा चुके हैं. नॉर्किया ने इस मैच में 3.3 ओवर में 10 रन देकर 4 विकेट झटके थे. उन्होंने 16 डॉट गेंद फेंकी थी और उनके खिलाफ बांग्लादेश के बल्लेबाज सिर्फ एक चौका लगा पाए थे.
यह तो सिडनी का विकेट था, जो पर्थ के मुकाबले तेज गेंदबाजों के लिए बहुत बेहतर नहीं माना जाता है. उस पर भी नॉर्किया ने अपनी धारदार गेंदबाजी से विपक्षी टीम की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी. ऐसे में वो पर्थ में भारत के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं.
नॉर्किया के अलावा कैगिसो रबाडा हैं. जो अपने ऊंचे कद के कारण पर्थ के विकेट से अतिरिक्त उछाल हासिल कर सकते हैं. वहीं, बाएं हाथ के पेसर वेन पार्नेल भी हैं, जो दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाजी में विविधिता लाते हैं. ऐसे में टीम इंडिया के लिए पर्थ में राह शायद ही आसान होगी.