जांजगीर-चाम्पा. लिपिक से मारपीट और लूट के मामले में अकलतरा पुलिस के हाथ खाली और सप्ताह भर बीत जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तरी पुलिस नहीं कर पाई है. FIR के पहले पिता और उसका बेटा थाने में मौजूद थे और FIR होने की सूचना के बाद दोनों थाने से गायब हो गए थे, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे कि आखिर पुलिस ने थाने में ही आरोपियों की गिरफ्तारी करने रुचि क्यों नहीं ली थी ?
दरअसल, बीईओ कार्यालय अकलतरा का लिपिक मनोज यादव, कर्मचारी का पेंशन फार्म भरने के लिए अकलतरा के भारतीय स्टेट बैंक गया था. इस दौरान लटिया गांव के रहने वाले मोहन सिंह आया और उससे गाली-गलौज किया था. जमीन विवाद को लेकर उसे बैंक के अंदर से खींचते हुए बाहर ले गया था, जहां उसका बेटा दददू उर्फ पुष्पराज सिहं खड़ा था. दोनों ने मिलकर उसकी पिटाई की और उसकी जेब से मोबाइल के साथ ही, पांच हजार रुपए लूट लिए थे. घटना के बाद लिपिक मनोज यादव ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने आरोपी पिता-पुत्र के खिलाफ आईपीसी की धारा 294, 506, 323, 392, 34 के तहत जुर्म दर्ज किया था.
इधर, एफआईआर के सप्ताह भर बीत जाने के बाद भी आरोपी पुलिस के हाथ नहीं नहीं है. अब देखना होगा कि कब तक आरोपियों की गिरफ्तरी हो पाती है. दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि आरोपियों के बारे में पता करने के लिए मुखबिर लगाया गया है और तलाश की जा रही है.