फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी विजया एकादशी व्रत के नाम से प्रसिद्ध है. इस व्रत को करने से मनुष्यों को विजय की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु की पूजा और व्रत से समस्त पापों का नाश होता है और सुख मिलते हैं. युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से विजया एकादशी व्रत के महत्व और पूजा विधि के बारे में जानना चाहा था. तब उन्होंने इस व्रत की महिमा बताई थी. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि विजया एकादशी व्रत कब है, पूजा का मुहूर्त और व्रत का पारण समय क्या है?
विजया एकादशी 2023 तिथि
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 16 फरवरी दिन बुधवार को सुबह 05 बजकर 32 मिनट पर शुरू हो रही है और 17 फरवरी दिन गुरुवार को तड़के 02 बजकर 49 मिनट पर समाप्त हो रही है. उदयातिथि के आधार पर विजया एकादशी का व्रत 16 फरवरी को है.
विजया एकादशी पूजा मुहूर्त 2023
जो लोग 16 फरवरी को विजया एकादशी का व्रत रखेंगे, वे सूर्योदय के बाद विजया एकादशी व्रत का पूजन कर सकते हैं. उस दिन सुबह 06 बजकर 59 मिनट से सुबह 08 बजकर 23 मिनट तक शुभ-उत्तम मुहूर्त है. इस मुहूर्त में भी आप भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं. यह अच्छा समय है.
विजया एकादशी 2023 पारण समय
जो लोग 17 फरवरी को विजया एकादशी व्रत रखेंगे, वे 18 फरवरी दिन शुक्रवार को पारण करेंगे. उस दिन पारण का समय सुबह 08 बजकर 01 मिनट से सुबह 09 बजकर 13 मिनट के बीच है. इस मुहूर्त में पारण कर लेना चाहिए. इस दिन सिद्धि योग में पारण होगा.
विजया एकादशी 2023 हरि वासर
हरि वासर का समापन 18 फरवरी को सुबह 08:01 बजे हो रहा है, इसलिए पारण हरि वासर के समापन के बाद किया जाता है. हरि वासर के समय में पारण करने से पाप लगता है और व्रत का फल भी प्राप्त नहीं होता है.
विजया एकादशी व्रत का महत्व
विजया एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी दुखों को दूर करते है. पाप नष्ट होते हैं. यदि आपको किसी कार्य विशेष में सफलता प्राप्त करनी है तो आप विजया एकादशी का व्रत करें. यह व्रत सफलता प्राप्ति का सबसे उत्तम साधन है.