जांजगीर. शील साहित्य परिषद में हसदेव वनों की कटाई को लेकर बैठक रखी गई. बैठक का उद्देश्य जाँजगीर एवं यहाँ के आस-पास ज़िलों, गाँवों के किसानों, व्यापरियों एवं पर्यावरण कार्यकर्ताओं को एक मंच पर ला कर आगे कैसे काम किया जाए उस पर आधारित था.
बैठक संचालन समाज एवं पर्यावरण ऐक्टिविस्ट काजल कसेर द्वारा किया गया, अध्यक्षता शील साहित्य परिषद के अध्यक्ष अधिवक्ता विजय दुबे द्वारा,
मीटिंग एजेंडा का संक्षिप्त विवरण हसदेव आंदोलन बिलासपुर के संचालक प्रथमेष मिश्रा द्वारा तथा
मीटिंग का लक्ष्य मानवअधिकार कार्यकर्ता, अधिवक्ता श्रीमती प्रियंका शुक्ला एवं प्रगतिशील किसान अभिषेक शुक्ला द्वारा साझा किया गया.
बैठक में शामिल मुख्य वक्ता प्रथमेष मिश्रा पर्यावरण ऐक्टिविस्ट ने हसदेव बचाव की अगले चरण को कैसे आगे ले जाए इसके तरीके पर अपने वक्तव्य दिए एवं जल,जंगल,जमीन के संरक्षण के तथ्यों पर बात की. मनोज अग्रवाल चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ने नदी प्रदुषण को रोकने के उपाय पर बात की. रामगोपाल गौरहा विशिष्ट लेखक एवं कवि ने अपनी क्रांतिकारी और बेहद संवेदनशील कविता के माध्यम से हसदेव की स्थिति बयां की. राधेश्याम शर्मा सामाजिक ऐक्टिविस्ट जी ने न्याय और कानून की दुर्दशा पर बात कि और हसदेव बचाने की लडाई में सबको जुड़ने के लिए कहा.
दिनेश शर्मा, पिछले कई वर्षो से इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं ने हसदेव के मामले की गंभीरता पर बात की और जमीनी और ऊपर स्तर पर हो रहे गलत नीतियों पर प्रकाश डाला. पवन सिंघानिया उद्योगपति- हसदेव नदी का जाँजगीर चाम्पा के लोगों के लिए महत्व पर बात की. अभिषेक मिश्रा प्रगतिशील किसान ने नदी सिंचाई और किसानों की फसल के लिए हसदेव वन और नदी की जरूरत पर बात की.
श्रीमती प्रियंका शुक्ला जी ने आंदोलन को अगले स्तर पर कैसे ले जाया जाये इस पर विस्तृत चर्चा की. आशुतोष गोपाल आम आदमी पार्टी सदस्य जांजगीर ने जाँजगीर के सूखाग्रस्त परेशानी पर बात की और हसदेव नदी के सुख जाने के पहलूओं पर बात की,
अंत में आभार प्रदर्शन करने की कड़ी में ललित बघेल ने सभी को इस मुहिम से जुड़ने हेतु आमंत्रित किया.
बैठक में अन्य सदस्य में शील साहित्य परिषद के सचिव विजय राठौर, अमरताल सरपंच श्रीमती मिथिलेश बघेल, समाजसेवी पवन यादव, श्रीमती कुमारी कंसारी, श्रीमती नंदिता कसेर, श्रीमती स्मिता कसेर सहित कुछ अन्य पर्यावरण कार्यकर्ता उपस्थित रहे.