Indian Air Force day 2022 : भारत की शक्ति उसका सशक्त सैन्य बल ही है. नेवी, आर्मी और एयरफोर्स मिलकर भारत को जल, थल और वायु में सुरक्षा देते हैं, जिसका परिणाम है की आज भारत विश्व की सुपरपावर बनकर उभर रहा है. एयर फ़ोर्स समय समय पर युद्धों और लड़ाइयों में अपना योगदान देने के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाड़, भूकंप और लैंडस्लाइड के दौरान भी जनता को हर मुमकिन सेवा पहुंचाने का काम करती है. भारत को सुरक्षित और शक्तिशाली बनाने में इंडियन एयर फ़ोर्स की बहुत बड़ी भूमिका है. इसी को सम्मान देने और इंडियन एयर फ़ोर्स का स्थापना दिवस मनाने के लिए हर साल 8 अक्टूबर को ‘इंडियन एयर फ़ोर्स डे’ मनाया जाता है. आइए जानते हैं, भारतीय वायु सेना के 90 वर्षों के स्वर्णिम सफ़र, इस दिन के इतिहास और महत्व के बारे में.
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इतिहास
8 अक्टूबर 1932 वो ऐतिहासिक दिन है जब भारतीय वायु सेना की स्थापना की गई थी. एयर मार्शल सर थॉमस डबल्यू एल्महर्स्ट को इंडियन एयर फ़ोर्स का पहला कमांडर इन चीफ बनाया गया था. आज़ादी के बाद भी 1950 तक इन्होंने ही इंडियन एयर फ़ोर्स की कमान संभाली. सालों के अथक परिश्रम का फल है की आज ये सेना दुनिया की सबसे पावरफुल एयर फोर्सेस में से एक है.
अन्य रोचक जानकारी
– गाज़ियाबाद के हिंडन एयर फ़ोर्स स्टेशन में हर साल बड़े धूमधाम से इस दिन का आयोजन कराया जाता है, जिसमें एयर फ़ोर्स के जाबांज अपनी नई तकनीकों और अद्भुत स्किल्स का परिचय देते हैं. पूरा आसमान इस दिन भारतीय जवानों के करतबों का साक्षी बनता है. इस कार्यक्रम में आईएएफ चीफ़ समेत सभी बड़े डिफेंस स्टाफ मौजूद रहते हैं.
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– आईएएफ का मोटो है “नभः स्पृशं दीप्तम्” मतलब आसमान को अपनी चमक के साथ गर्व से छूना जिसे ये सच में सार्थक करता नज़र भी आता है.
– ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन मेघदूत जैसे बड़े ऑपरेशंस की सक्सेस भी भारतीय वायु सेना के सहयोग के बिना अधूरी है. इसी के साथ आईएएफ यूनाइटेड नेशंस के साथ पीसकीपिंग मिशंस में बढ़ चढ़ भागीदारी निभाता है.
– भारतीय वायु सेना के पास लगभग 1400 एयरक्राफ्ट और 1.7 लाख कर्मचारी-विभाग हैं. आईएएफ में वूमेन फाइटर पायलट्स की संख्या भी कुछ कम नहीं है. यहां तक की राफेल फ्लीट में भी एक महिला फाइटर पायलट है.