जांजगीर-चाम्पा. नाबालिग बालिका से छेड़खानी करने वाले आरोपी को फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी ने 3 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो राकेश महंत के अनुसार, सक्ती थाना क्षेत्र की नाबालिफ़ किशोरी के दादा ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसकी 14 साल की नाबालिग नातिन दिनांक 29.09.2021 को सुबह 9 बजे पास के गांव के स्कूल में पढ़ने गई थी. स्कूल से छुट्टी उपरांत 14 वर्षीय नाबालिग बालिका, जो कक्षा 9वी में पढ़ती थी. अपनी सहेलियों के साथ पैदल अपने घर आ रही थी, तभी अभियुक्त 4:00 बजे गांव के मोड के पास आया और नाबालिग किशोरी को बेज्जती करने की नियत से उसके हाथ-बाह को पकड़ने लगा बीच-बचाव की कोशिश की तो पास के धान के खेत में धक्का देकर मारपीट की, जिससे नाबालिग किशोरी के गले चेहरे में चोट लगी है.
उक्त रिपोर्ट पर अभियुक्त के विरुद्ध धारा 354, 323 भारतीय दंड संहिता एवं 8 पोक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया तथा संपूर्ण विवेचना उपरांत थाना सक्ती द्वारा अभियुक्त के खिलाफ अभियोग पत्र विशेष न्यायालय फास्ट ट्रेक कोर्ट शक्ति में पेश किया गया था, जहां संपूर्ण विचारण उपरांत नाबालिग बालिका उसकी सहेलियों तथा स्वतंत्र साथियों के साक्ष्य से घटना दिनांक को जब नाबालिग बालिका अपनी सहेलियों के साथ स्कूल से वापस आ रही थी, तब अभियुक्त ने उसका रास्ता रोका जिससे नाबालिग बालिका के सहेलियां भागने लगी और अभियुक्त अभियोक्त्री के हाथ बाह को पकड़ लिया.
अभियोक्त्री भागने लगी तो उसे खेत की ओर ले जाकर उसके साथ बदतमीजी एवं छेड़छाड़ करते हुए उसके मुंह एवं गले को दबा दिया तथा खेत में पटक देने से नाबालिग बालिका खेत का पानी को पी ली थी. अभियुक्त द्वारा खींचकर पटकने तथा उसके मुंह एवं गले को दबाने से बालिका को सामान्य चोट आना प्रमाणित पाया गया । अभियोजन द्वारा अभियुक्त के खिलाफ नाबालिग बालिका के साथ उसकी लज्जा भंग करने के आशय से उसके हाथ-बाह को पकड़कर धक्का देकर अभियोक्त्री पर लैंगिक हमला कारित करने तथा अभियोक्त्री
को स्वेच्छया उपहति कारित करने के आशय से मारपीट कर मुंह एवं गला को दबाकर स्वेच्छया उपहति कारित करने संबंधी भारतीय दंड संहिता की धारा 354 एवं 323
तथा 8 पोक्सो एक्ट के आरोपों को युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित करने में अभियोजन द्वारा सफल रहने पर अभियुक्त बलराम सिंह गोड़ उर्फ पिंटू सिदार पिता मनबोध सिंह गोड़ निवासी कुम्हारी पठान थाना सक्ती उम्र 21 वर्ष को दोषसिद्ध पाए जाने पर लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 8 के तहत 3 वर्ष की सश्रम कारावास एवं ₹2000 के अर्थदंड तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 323 में अभियुक्त को 3 माह का सश्रम कारावास की सजा विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी ने दी है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.