अकलतरा. श्री ऋषभ विद्योदय महाविद्यालय बनाहिल में छत्तीसगढ़ की रजत जयंती महोत्सव के शुभ अवसर पर दीक्षारंभ समारोह एवं नई शिक्षा नीति2020 पर विशेष व्याख्यान सहित विविध कार्यक्रमों का आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बी के पटेल ( प्राचार्य शासकीय नवीन महाविद्यालय नवागढ़ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक) एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. अंगेश चंद्रा (शासकीय महाविद्यालय सारागांव),डॉ. सुनील दीक्षित, सत्यनारायण (अजीम प्रेमजी फाउंडेशन) संस्था के संचालक डॉ.जे के जैन,सचिव अंकित जैन उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय में नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं का तिलक लगाकर एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर हार्दिक स्वागत किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर की गयी,सरस्वती वंदना बीएससी त्तृतीय सेमेस्टर की छात्रा कु.आयुषी साहू द्वारा प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के बढ़ते उद्बोधन क्रम में श्री ऋषभ विद्योदय महाविद्यालय बनाहिल के संस्था संचालक डॉ. जेके जैन जी ने महाविद्यालय का परिचय एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य छात्रों को न केवल शैक्षिक ज्ञान प्रदान करना है, बल्कि उन्हें व्यक्तित्व विकास और कौशल विकास के अवसर भी प्रदान करना है। आगे उन्होंने कहा महाविद्यालय की सफलता और मेरिट प्राप्त विद्यार्थियों का परिचय देते हुए, हमें गर्व महसूस होता है कि हमारे महाविद्यालय ने विद्यार्थियों को उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद की है। हमें विश्वास है कि हमारे विद्यार्थी अपने भविष्य में भी उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे। तत्पश्चात डॉ.सुनील दीक्षित ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि लक्ष्य प्राप्त करना जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्त करने से न केवल आप अपने भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं, बल्कि आप अपने समाज और देश के लिए भी योगदान कर सकते हैं। उद्बोधन के बढ़ते क्रम में डॉ.अंगेश चन्द्रा ने गीतों और व्याख्यान के माध्यम से जीवन में माता-पिता के महत्व को उजागर किया साथ ही साथ नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों और लाभों से अवगत कराना और उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। तत्पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो.बी के पटेल ने व्यक्तित्व विकास और कौशल विकास पर जोर देते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य छात्रों को न केवल शैक्षिक ज्ञान प्रदान करना है, बल्कि उन्हें व्यक्तित्व विकास और कौशल विकास के अवसर भी प्रदान करना है। इससे छात्रों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और समाज में योगदान करने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के बढ़ते क्रम में महाविद्यालय की सहा.प्राध्या. श्रीमती श्वेता सिंह चंदेल ने नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को प्रोजेक्टर और पीपीटी के माध्यम से प्रदर्शित किया। उन्होंने नई शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाया और इसके लाभों को भी बताया। श्रीमती श्वेता सिंह चंदेल के प्रदर्शन ने छात्रों को नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से जानने में मदद की। इससे छात्रों को अपने भविष्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में महाविद्यालय के पूर्व छात्र-छात्राओं(एलुमिनी) के साथ चर्चा- परिचर्चा की गई जिसमें कई सार्थक बातें निकलकर सामने आई जिससे महाविद्यालय के विकास को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम के अंत में आए अतिथियों का सम्मान पूर्वक श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में रासेयो कार्यक्रम अधिकारी अरविंद मिरी, डॉ. राकेश सोनी,डॉ.प्रतिमा रानी द्विवेदी, ओमप्रकाश सोनी, संजीव चौहान,संध्या सिंह, कमलकांत साहू,नवीन आदित्य, प्रभात कश्यप, नागेंद्र कुमार जांगड़े,अर्जुन दास मोहले,संजना भास्कर,सोनम साहू,श्रद्धा राठौर,भूपेन्द्र कुमार, चंद्ररुपा कश्यप,अशोक पाण्डेय, सुनीता पाण्डेय,पायल दास,हितेश्वरी कश्यप, रश्मि मरकाम, कृष्णकांत चंद्राकर,समरीन मिर्जा,मनीष गंधर्व,आकाश दास,नीरज निर्मलकर,बृजनंदन पटेल, द्वाशराम कश्यप,राजेश साहू, एवं छात्र/छात्राओ के साथ साथ राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक भी उपस्थित रहे।कार्यक्रम के अंत में आभार व्यक्त महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ.शिखा सिंह के द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम बका सफल मंच संचालन श्वेता सिंह चंदेल राहुल राठौर एवं दुर्गा टंडन के द्वारा किया गया।